सांचोर में आंजना  समाज सांचोर का प्रतिभा सम्मान समारोह संपन्न देवजी पटेल के मुख्य आतिथ्य में मोतीराम की अध्यक्षा में सम्पन हुआ। इस मौके पर सांचोर क्षेत्र के समस्त आंजना समाज मौजूद थ। इस समारोह में आंजना समाज के सभी नवनियुक्त कर्मचारियों को सम्मानित किया गया इसके अलावा बोर्ड कक्षों...
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श्री किशनाराम जी महाराज

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          जीवन-परिचय  महंत श्री श्री १००८ संत शिरोमणि श्री किशनाराम जी महाराज शिकारपुरा (लूनी) पीठाधीश महंत श्री किशनाराम जी महाराज का ननिहाल रोहिचा (कल्ला) में भाखररामजी कुरड के यंहा माता श्रीमती चुन्नीबाई की कोख से दिनांक 20 अक्टूम्बर, १९३० को जन्म...
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श्री देवारामजी महाराज

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                    जीवन परिचय  श्री राजारामजी महाराज के समाधि के बाद आपके प्रधान शिष्य श्री देवारामजी महाराज को आपके उपदेशो का प्रचार व प्रसार करने के उद्देश्य से आपकी गद्दी पर बिठाया और महंत श्री की उपाधि से विभूषित किया...
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श्री राजारामजी महाराज

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                   जीवन-परिचय  श्री राजारामजी महाराज जीवन परिचय श्री राजारामजी महाराज का जन्म चैत्र शुल्क ९ संवत १९३९ को, जोधपुर तहसील के गाँव शिकारपुरा में, अंजना कलबी वंश की सिह खांप में एक गरीब किसान के घर हुआ था | जिस समय...
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माता-पिता की महिमा

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माता तो सर्वोच्च है, महिमा अगम अपार! माँ के गर्भ से ही यहाँ, प्रकट हुए अवतार!! माँ की महत्ता तो मनुज, कभी न जानी जाय! माँ का ऋण सबसे बड़ा, कैसे मनुज चुकाय!! मात-पिता भगवान-से, करो भक्ति भरपूर! मात-पिता यदि रुष्ट हों, ईश समझलो दूर!! पिता दिखाए राह नित, दे जीवन का दान! मान...
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          व्याख्यान - Positive V/S Negtive सारे पैरंट्स की चाहत होती है कि वे अपने बच्चों को बेहतरीन परवरिश दें। वे कोशिश भी करते हैं, फिर भी ज्यादातर पैरंट्स बच्चों के बिहेवियर और परफॉर्मेंस से खुश नहीं होते। उन्हें अक्सर शिकायत करते सुना जा सकता...
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सच्चा कलाकार

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प्रख्यात चित्रकार माइकल एंजेलो से कई चित्रकार ईर्ष्या करते थे। उन्हीं में से एक चित्रकार ने सोचा कि मैं एक ऐसा चित्र बनाऊंगा जिसके आगे एंजेलो की कलाकृति फीकी पड़ जाएगी। यह सोचकर उसने काफी मेहनत से एक महिला का चित्र बनाया। उसने उस चित्र को एक ऊंचे स्थान पर रखा ताकि वहां से गुजरते...
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भारतीय मनीषी हमेशा ही इच्छा और अनिच्छा के बारे में सोचता रहा है। वस्तुत: जो कुछ हम हैं, उसे एक लालसा में सिमटाया जा सकता है। यानी जो कुछ भी हम हैं, वह सब अपनी इच्छा के कारण से हैं। यदि हम दुखी हैं, यदि हम दासता में हैं, यदि हम अज्ञानी हैं, यदि हम अंधकार में डूबे हैं, यदि...
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