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माता-पिता की महिमा

Posted by Bharat Kumar On 0 comments
माता तो सर्वोच्च है, महिमा अगम अपार! माँ के गर्भ से ही यहाँ, प्रकट हुए अवतार!! माँ की महत्ता तो मनुज, कभी न जानी जाय! माँ का ऋण सबसे बड़ा, कैसे मनुज चुकाय!! मात-पिता भगवान-से, करो भक्ति भरपूर! मात-पिता यदि रुष्ट हों, ईश समझलो दूर!! पिता दिखाए राह नित, दे जीवन का दान! मान...
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